1.कौए को अतिथि-आगमन का सूचक और पितरों का आश्रम स्थल माना जाता है।
2.पुराणों की एक कथा के अनुसार इस पक्षी ने अमृत का स्वाद चख लिया था इसलिए मान्यता के अनुसार इस पक्षी की कभी स्वाभाविक मृत्यु नहीं होती। कोई बीमारी एवं वृद्धावस्था से भी इसकी मौत नहीं होती है। इसकी मृत्यु आकस्मिक रूप से ही होती है।
4.कौए को भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पहले से ही आभास हो जाता है।
6.शास्त्रों के अनुसार कोई भी क्षमतावान आत्मा कौए के शरीर में स्थित होकर विचरण कर सकती है।
7.कौए को भोजन कराने से सभी तरह का पितृ और कालसर्प दोष दूर हो जाता है।
8.कौआ लगभग 20 इंच लंबा, गहरे काले रंग का पक्षी है जिसके नर और मादा एक ही जैसे होते हैं।