प्राचीनकाल में भारत में 16 महाजनपद थे। उन 16 में से एक कुरु जनपद था। इस कुरु जनपद पर ययाति के पुत्र कुरु के वंशजों का ही राज था, जो कौरव कहलाए। कुरु जनपद का उल्लेख उत्तर वैदिक युग से मिलता है। यह जनपद उत्तर तथा दक्षिण दो भागों में विभक्त था। महाभारत में उत्तरकुरु को कैलाश और बद्रिकाश्रम के बीच रखा गया है, जबकि प्रपंचसूदनी में कुरुओं को हिमालय पार के देश उत्तर कुरु का औपनिवेशिक बताया गया है, जो उत्तरी ध्रुव के निकट था। वहीं से श्वेत वराह आए थे। श्वेत वराह को विष्णु का अवतार माना जाता है।