भगवान विश्वकर्मा ने भवन के अलावा और क्या-क्या बनाया है?

शनिवार, 16 सितम्बर 2023 (16:26 IST)
Vishwakarma Puja 2023: 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जी की पूजा होगी। हर साल कन्या संक्रांति पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं। इसके बाद भाद्रपद मास समाप्त हो जाता है। भगवान विश्‍वकर्मा गृह निर्माण और वस्तुओं को बनाने वालों के देवता हैं। आओ जानते हैं उन्होंने कौन कौन से भवनों के अलावा और क्या बनाया था। कहते हैं कि उन्होंने ही देवताओं के घर, नगर, अस्त्र-शस्त्र आदि का निर्माण किया था। वे महान शिल्पकार थे। 
 
भवन निर्माण : प्राचीन समय में 1.इंद्रपुरी, 2.लंकापुरी, 3.यमपुरी, 4.वरुणपुरी, 5.कुबेरपुरी, 6.पाण्डवपुरी, 7.सुदामापुरी, 8.द्वारिका, 9.शिवमण्डलपुरी, 10.हस्तिनापुर जैसे नगरों का निर्माण विश्‍वकर्मा ने ही किया था। इन नगरों में उन्होंने हजारों महलों का निर्माण किया था।
 
भवन निर्माण के अलावा : कहते हैं कि उन्होंने ही कर्ण का कुंडल, विष्णु का सुदर्शन चक्र, पुष्पक विमान, शंकर भगवान का त्रिशुल, यमराज का कालदंड आदि वस्तुओं का निर्माण किया था। उन्होंने ही ऋषि दधिचि की हड्डियों से दिव्यास्त्रों का निर्माण किया था।
 
पूजा विधि- Lord Vishwakarma Puja vidhi:
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठ कर नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद स्नान करें।
- पूजा स्थान को साफ करके प्रतिमा रखें।
- हाथ में पुष्म, और अक्षत लेकर ध्यान लगाएं।
- इस मंत्र का जाप करें- ॐ आधार शक्तपे नम:, ॐ कूमयि नम:, ॐ अनंतम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:
- भगवान विश्वकर्मा को भोग लगाएं।
- विधिपूर्वक आरती उतारें।
- अपने औजारों और यंत्र की पूजा करके हवन करें।
 
भगवान विश्वकर्मा का सरल मंत्र- 
ॐ आधार शक्तपे नम:, ॐ कूमयि नम:, ॐ अनंतम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:
 
पुराणों में विश्वकर्मा के पांच अवतारों का वर्णन मिलता है- 1.विराट विश्वकर्मा- सृष्टि के रचयिता, 2.धर्मवंशी विश्वकर्मा- महान् शिल्प विज्ञान विधाता और प्रभात पुत्र, 3.अंगिरावंशी विश्वकर्मा- आदि विज्ञान विधाता वसु पुत्र, 4.सुधन्वा विश्वकर्म- महान् शिल्पाचार्य विज्ञान जन्मदाता अथवी ऋषि के पौत्र और 5.भृंगुवंशी विश्वकर्मा- उत्कृष्ट शिल्प विज्ञानाचार्य (शुक्राचार्य के पौत्र)।

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