हिंदू धर्म ग्रंथों में स्कंदपुराण को महापुराण कहा जाता है। पुराणों के क्रम में इसका तेरहवां स्थान है इसके खंडात्मक और संहितात्मक उपलब्ध दो रूपों में से प्रत्येक में 81 हजार श्लोक हैं। इस पुराण का नाम भगवान शंकर के बड़े पुत्र कार्तिकेय के नाम पर है। कार्तिकेय का ही नाम स्कन्द है। यह शैव संप्रदाय का पुराण है जिसमें स्कन्द द्वारा तारकासुर के वध की कथा का वर्णन मिलेगा।
इस पुराण में काशीखंड, महेश्वर खंड, रेवाखंड, अवन्तिका खण्ड, प्रभास खण्ड, ब्रह्म खण्ड और वैष्णव खण्ड आदि कुल सात खंड है। कुछ विद्वान छह खंड बताते हैं। इसमें सती दाह, समुद्र मंथन, तारकासुर वध, शक्तिपीठ, 27 नक्षत्रों, 18 नदियों, भारत के 12 ज्योर्तिलिंगों, गंगा अवतरण सहित पर्वत श्रृंखलाओं के उल्लेख के साथ ही सोमदेव, तारा, उनके पुत्र बुध की उत्पत्ति की कथा का वर्णन भी मिलती है। इसके अलावा स्कंद पुराण में धर्म ज्ञान और नीतियों से संबंधित कई बातें बताई गई हैं। आओ जानते हैं स्कंद पुराण की 5 खास बातें।
अर्थात- मनुष्य जीवन में धन, स्त्री, पुत्र, घर-धर्म के काम, और खेत– ये 5 चीजें जिस मनुष्य के पास होती हैं, उसी मनुष्य का जीवन इस धरती पर सफल माना जाता है।
4. वैशाख मास का महत्व : स्कंद पुराण के वैष्णव खंड अध्याय 4 में वैशाख मास के महामात्य का विस्तार से वर्णन मिलता है। इसके श्लोक 34 के अनुसार इस मास में तेल लगाना, दिन में सोना, कांसे के बर्तन में भोजन करना, दो बार भोजन करना, रात में खाना आदि वर्जित माना गया है। वैशाख के माह में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। स्कंदपुराण में उल्लेख है कि महीरथ नाम के राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुण्ठधाम प्राप्त किया था। इस माह में पंखा, खरबूजा, अन्य फल, अनाज, जलदान, प्रदोष व्रत, स्कंद पुराण का पाठ करने का महत्व है।
5. श्रद्धा एवं मेधा का महत्व : संक्षिप्त स्कन्दपुराण के वैष्णवखण्ड-कार्तिकमास-माहात्म्य के अनुसार ब्रम्हाजी कहते हैं कि इस पृथ्वी पर श्रद्धा एवं मेधा ये दो वस्तुएं ऐसी हैं जो काम, क्रोध आदि का नाश करती हैं।