4. कुलदेवता की पूजा करते समय शुद्ध देसी घी का दीया, धूप, अगरबत्ती, चंदन और कपूर जलाना चाहिए साथ ही प्रसाद स्वरूप भोग भी लगाना चाहिए। कुलदेवता को चंदन और चावल का टीका अर्पण करते समय ध्यान रखें की टूटे हुए या खंडित चावल ना हो। कुलदेवता को हल्दी में लिपटे पीले चावल पानी में भिगोकर अर्पण करना शुभ माना जाता है। पूजा के समय पान के पत्ते का बहुत महत्व है जिसके साथ सुपारी, लौंग, इलायची और गुलकंद भी अर्पण करना चाहिए। कुलदेवी या देवता को पुष्प चढ़ाते हुए आपको इन्हें पानी में अच्छी तरह से धोना चाहिए। सभी देवी-देवताओं की पूजा जिस तरह सुबह-शाम की जाती है, उसी तरह कुलदेवी और देवता की पूजा भी दीपक जलाकर करनी चाहिए।