पूजा के समय पूजा करने और करवाने वाला एक विशेष आसन पर बैठता है। यह आसन सूती, रेशमी या ऊनी होता है और इसा रंग लाल, पीला या नारंगी होता है, लेकिन कहते हैं कि सबसे अच्छा आसन कुश का होता है। लकड़ी की चौकी या घासफूस की चाटाई का उपयोग भी कर सकते हैं। पूजा का आसन साफ़-सुथरा होना चाहिए। आखिर आसन बिछाकर ही क्यों पूजा की जाती है और जरूरी है आसन पर बैठकर पूजा करना।
2. आसन पर बैठकर अनुष्ठान करने से ज्ञान, सौभाग्य, शांति, धन और सिद्धि की प्राप्ति होती है।
6. आसन पर बैठकर पूजा करने से पूजा में ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
7. आसन पर बैठकर पूजा करने वाला व्यक्ति अनुष्ठान के दौरान शारीरिक और आध्यात्मिक स्वच्छता की स्थिति बनाए रखता है और पूजा में उसका मन भी लगा रहता है।