लॉकडाउन में आप घर में धर्म के ये पांच कार्य जरूर करें इसे आपके मन एवं मस्तिष्क में शांति, विश्वास, साहस, उत्साह, सकारात्मक सोच और प्रसन्नता का संचार होगा। वर्तमान समय में यह बहुत जरूरी भी है। यदि आप इस अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं तो निश्चित ही आपको इससे चमत्कारिक लाभ होगा।
1. धूप दीप दें : धूप दीप देने से मन, शरीर और घर में शांति की स्थापना होती है। रोग और शोक मिट जाते हैं। गृहकलह, पितृदोष और आकस्मिक घटना-दुर्घटना नहीं होती। घर के भीतर व्याप्त सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलकर घर का वास्तुदोष मिट जाता है। ग्रह-नक्षत्रों से होने वाले छिटपुट बुरे असर भी धूप देने से दूर हो जाते हैं। यह नहीं कर सकते हैं तो घर में प्रतिदिन सुबह और शाम को कर्पूर जलाना चाहिए।
2. संध्यावंदन करें : संध्योपासना के चार प्रकार है- 1.संध्यावंदन, 2.प्रार्थना-ध्यान, 3.कीर्तन-भजन और 4.पूजा-आरती। व्यक्ति की जिस में जैसी श्रद्धा है वह वैसा करता है। स्नान करने के बाद अपने ईष्ट देव की पूजा करें। पूजा और प्रार्थना करने से मन में विश्वास, श्रद्धा, उत्साह, साहस और मनोबल का विकास होता है। प्रतिदिन की दिनचर्या में नित्य पूजा को भी जोड़ें। ऐसा नहीं है कि घर के एक सदस्य ने पूजा-आरती कर दी है तो अब मुझे करने की जरूरत नहीं।
3. ध्यान करें : यदि आप पूजा आरती, धूप दीप आदि कार्य नहीं करना चाहते हैं तो नियम से प्रतिदिन 10 से 15 मिनट का ध्यान करें। ध्यान से व्यक्ति तनाव मुक्त हो जाता है। व्यक्ति थकानमुक्त अनुभव करता है। जिस तरह लॉकडाउन के दौरान धरती के वातावरण में सुधार हो रहा है उसी तरह ध्यान करने से आपके मन, मस्तिष्क और शरीर में सुधार होगा।
4. योग करें : घर में ही आप अच्छे से योग करते रहेंगे तो आप स्वस्थ रहेंगे और आपका वजन भी नहीं बढ़ेंगे। योग में आप सूर्यनमस्कार की 12 स्टेप को 12 बार करें और दूसरा यह कि कम से कम 5 मिनट का अनुलोम विलोम प्रणायाम करें। उक्त संपूर्ण क्रिया को करने में मात्र 10 से 15 मिनट ही लगते हैं। आप नहीं जानते हैं कि यह आपके लिए कितनी फायदेमंद साबित होगी।
5. पाठ या जप करें : धूप दीप, पूजा-आरती, ध्यान या योग नहीं करते हैं तो आप पाठ करें। इसमें आपका जो भी ईष्ट है उसका पाठ करें। जैसे हनुमान चालीसा पढ़ें। गीता का पाठ करें। विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ें आदि। वेद, उपनिषद या गीता का पाठ करना या सुनना मोक्ष के द्वार खोलता है। प्रतिदिन धर्म ग्रंथों का कुछ पाठ करने से देव शक्तियों की कृपा मिलती है।
जप में आप गायत्री मंत्र की रोज एक माला जपें या अपने किसी ईष्टदेव के नाम का जप करें। लगातार जप का अभ्यास करते रहने से आपके चित्त में वह मंत्र इस कदर जम जाता है कि फिर नींद में भी वह चलता रहता है और अंतत: एक दिन वह मंत्र सिद्ध हो जाता है। दरअसल, मन जब मंत्र के अधीन हो जाता है तब वह सिद्ध होने लगता है। इससे सभी तरह के नकारात्मक विचार हटा जाते हैं।