हालांकि वे इस बात से जरूर इत्तेफाक रखते हैं कि संस्कृत के लेखक परंपरागत विषयों- आयुर्वेद, योग, दर्शन आदि पर ही ज्यादा लिखते हैं, लेकिन अब उन्हें पर्यावरण, जल प्रबंधन, गरीबी आदि वैश्विक विषयों समस्याओं पर लिखना चाहिए। वे सरल संस्कृत में आधुनिक संदर्भ में पुस्तकें और लेख लिखें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उसे समझ सकें और इस प्राचीन भाषा से जुड़ सकें। प्रबंधन की दृष्टि से गीता बहुत ही श्रेष्ठ ग्रंथ है, इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना चाहिए। पंचतंत्र आज भी इसलिए लोकप्रिय है क्योंकि उसे सरल भाषा में लिखा गया है।