5 . पूर्णिमा और अमावस्या पर चंद्रमा के विशेष प्रभाव से समुद्र में ज्वार-भाटा आता है। जब चंद्रमा इतने बड़े समुद्र में उथल-पुथल कर उसे कंपायमान कर देता है तो जरा सोचिए कि हमारे शरीर में जो जलीय अंश है, सप्तधातुएं हैं, सप्त रंग हैं, उन पर चंद्रमा का कितना गहरा प्रभाव पड़ता होगा।
6. इस रात सूई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्रज्योति बढ़ती है।
7 . शरद पूर्णिमा पर पूजा, मंत्र, भक्ति, उपवास, व्रत आदि करने से शरीर तंदुरुस्त, मन प्रसन्न और बुद्धि आलोकित होती है।