इस बार 30 अक्टूबर शाम को 5 बजकर 45 मिनट से शरद पूर्णिमा लग जाएगी। प्रदोष भी रहेगा और पूरी रात निषीथ-अर्धरात्रि में पूर्णिमा रहेगी। आश्विन मास की यह पूर्णिमा धार्मिक दृष्टि से खास महत्व वाली है। मान्यता है कि इसे कोजागरी या कोजागिरी इसलिए कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात ऐरावत पर बैठ कर देवराज इन्द्र महालक्ष्मी के साथ धरती पर आते हैं और पूछते हैं कि कौन जाग रहा है। जो जाग रहा होता है और उनका स्मरण कर रहा होता है, उसे ही लक्ष्मी और इन्द्र की कृपा प्राप्त होती है।