पांडवों ने बैराठ नगर जाते समय फिरोजपुर झिरका के उत्तर पश्चिम में स्थित एक गुफा में कुछ समय व्यतीत किया था और यहां पवित्र शिवलिंग की स्थापना कर पूजा अर्चना की थी। लोगों का कहना है कि सन 1876 में तत्कालीन तहसीलदार जीवन लाल शर्मा को रात में सपना आया कि अरावली की पहाड़ियों में शिवलिंग विराजमान हैं। सपने में दिखे रास्ते का अनुसरण करते हुए तहसीलदार ने शिवलिंग खोज निकाला और वहां पूजा अर्चना शुरू कर दी।