Mahashivaratri 2025: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 26 जनवरी 2025 बुधवार को यह त्योहार मनाया। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि की विशेष पूजा निशीथ या निशिता काल में ही होती है।ALSO READ: Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर भांग पीने का प्रचलन कब से हुआ प्रारंभ?
निशीथ काल क्या होता है:- निशीथ या निशिता काल को आमजन इसे मध्यरात्रि या अर्ध रात्रि काल कहते हैं। यह समय 12 बजे के आसपास का होता है। साल के कुछ दिनों को छोड़कर जैसे दीपावली, 4 नवरात्रि, जन्माष्टमी, महा शिवरात्रि पर निशीथ काल महानिशीथ काल बनकर शुभ प्रभाव देता है जबकि अन्य समय में दूषित प्रभाव देता है।
निशीथ काल पूजा समय- मध्यरात्रि 12:09 से 12:59 के बीच।
ब्रह्म मुहूर्त: इस दिन ब्रह्म मुहूर्त का स्नान प्रात: 05:09 से 05:59 के बीच होगा।
अमृत काल: इस दिन अमृत काल सुबह 07:28 से 09:00 बजे तक रहेगा।
महाशिवरात्रि का महासंयोग:
इस दिन चतुर्दशी तिथि के योग में बुधवार रहेगा। तिथि शिवजी की और वार गणेशजी का है।
इस दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा। इस नक्षत्र के देवता भगवान विष्णु हैं।
इस दिन सबसे दुर्लभ शुभ योग छत्र योग रहेगा। यानी चतुर्थ से दशम भाव के बीच सभी ग्रह रहेंगे।