महाशिवरात्रि पर करें शिवजी के इन 108 नामों का स्मरण, शिव कृपा पाने का सबसे सरल और अचूक उपाय
शिवजी के 108 नाम (अर्थ सहित)
वैसे तो भगवान शिव के अनेक नाम है, जिसमें से 108 नामों का विशेष महत्व है। यहां अर्थ सहित नामों को प्रस्तुत किया जा रहा है। प्रदोष, शिवरात्रि या प्रति सामान्य सोमवार तथा श्रावण मास एवं श्रावण सोमवार को इन नामों का स्मरण करने से शिव की कृपा सहज प्राप्त हो जाती है।
महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने का इससे सरल और अचूक उपाय कोई नहीं है। आइए पढ़ें शिवजी के 108 प्रभावशाली नाम : -
1-शिव- कल्याण स्वरूप
2-महेश्वर- माया के अधीश्वर
3-शम्भू- आनंद स्वरूप वाले
4-पिनाकी- पिनाक धनुष धारण करने वाले
5-शशिशेखर- सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
6-वामदेव- अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
7-विरूपाक्ष- विचित्र आंख वाले (शिव के तीन नेत्र हैं)
8-कपर्दी- जटाजूट धारण करने वाले
9-नीललोहित- नीले और लाल रंग वाले
10-शंकर- सबका कल्याण करने वाले
11-शूलपाणी- हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
12-खटवांगी- खटिया का एक पाया रखने वाले
13-विष्णुवल्लभ- भगवान विष्णु के अति प्रिय
14-शिपिविष्ट- सितुहा में प्रवेश करने वाले
15-अंबिकानाथ- देवी भगवती के पति
16-श्रीकंठ- सुंदर कंठ वाले
17-भक्तवत्सल- भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
18-भव- संसार के रूप में प्रकट होने वाले
19-शर्व- कष्टों को नष्ट करने वाले
20-त्रिलोकेश- तीनों लोकों के स्वामी
21-शितिकण्ठ- सफेद कण्ठ वाले
22-शिवाप्रिय- पार्वती के प्रिय
23-उग्र- अत्यंत उग्र रूप वाले
24-कपाली- कपाल धारण करने वाले
25-कामारी- कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
26-सुरसूदन- अंधक दैत्य को मारने वाले
27-गंगाधर- गंगा जी को धारण करने वाले
28-ललाटाक्ष- ललाट में आंख वाले
29-महाकाल- कालों के भी काल
30-कृपानिधि- करूणा की खान
31-भीम- भयंकर रूप वाले
32-परशुहस्त- हाथ में फरसा धारण करने वाले
33-मृगपाणी- हाथ में हिरण धारण करने वाले
34-जटाधर- जटा रखने वाले
35-कैलाशवासी- कैलाश के निवासी
36-कवची- कवच धारण करने वाले
37-कठोर- अत्यंत मजबूत देह वाले
38-त्रिपुरांतक- त्रिपुरासुर को मारने वाले
39-वृषांक- बैल के चिह्न वाली ध्वजा वाले
40-वृषभारूढ़- बैल की सवारी वाले
41-भस्मोद्धूलितविग्रह- सारे शरीर में भस्म लगाने वाले
42-सामप्रिय- सामगान से प्रेम करने वाले
43-स्वरमयी- सातों स्वरों में निवास करने वाले
44-त्रयीमूर्ति- वेदरूपी विग्रह करने वाले
45-अनीश्वर- जो स्वयं ही सबके स्वामी है
46-सर्वज्ञ- सब कुछ जानने वाले
47-परमात्मा- सब आत्माओं में सर्वोच्च
48-सोमसूर्याग्निलोचन- चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले