श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रागंण में 21 फरवरी से शिवनवरात्रि निमित्त सन् 1909 से कानडकर परिवार, इन्दौर द्वारा वंशपरम्परानुगत हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है, इसी तारतम्य में कथारत्न हरि भक्त परायण पं. श्री रमेश कानडकर जी के शिव कथा, हरि कीर्तन का आयोजन सायं 04 से 06 बजे तक मन्दिर परिसर में नवग्रह मन्दिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर हुआ।
मंदिर प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़ ने मन्दिर अधिकारी गण व अन्य स्टाफ के साथ शिवरात्रि के प्रस्तावित मार्ग, विभन्न कॉउंटर, पेयजल व्यवस्था आदि के प्रस्तवित स्थान का निरीक्षण किया।
उल्लेखनीय है कि प्रथम दिन विधिवत पूजन-अर्चन कर भगवान श्री महाकाल को नवीन वस्त्र धारण कर श्रृंगारित किया गया। नौ दिन पूर्व से शिव नवरात्रि उत्सव मनाया जाना प्रारंभ हो गया है। प्रथम दिन नैवेद्य कक्ष में श्री चन्द्रमौलेश्वर भगवान की पूजा, कोटितीर्थ पर स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन-अर्चन करने के बाद प्रारम्भ हुआ। प्रात: लगभग 9.30 बजे मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में तथा अन्य 11 ब्राह्मणों के द्वारा देश एवं प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना के साथ रूद्राभिषेक प्रारम्भ किया गया। इसके बाद अपराह्न में 3 बजे पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकाल को नवीन वस्त्र धारण कर श्रृंगारित कर पूजा-अर्चना की गई।