भगवान शिव की उपासना का समय शाम संध्याकाल, धरधरी का समय और प्रदोष काल है। भगवान शिव का दिन सोमवार है और तिथि त्रयोदशी है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि कहते हैं। मतलब यह कि वर्ष में 12 शिवरात्रि होती है। फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी पर पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है।
महाशिवरात्रि के 6 रहस्य:-
1. शिवरात्रि बोधोत्सव है। ऐसा महोत्सव, जिसमें अपना बोध होता है कि हम भी शिव का अंश हैं, उनके संरक्षण में हैं।
6. इस दिन भगवान शंकर की शादी भी हुई थी। इसलिए रात में शंकर की बारात निकाली जाती है। रात में पूजा कर फलाहार किया जाता है। अगले दिन सवेरे जौ, तिल, खीर और बेल पत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है।