8. परिवार के सभी सदस्यों से बराबर मात्रा में सिक्के इकट्ठे करके उन्हें मंदिर में दान करें। मतलब यह कि यदि आप अपनी जेब से 10 का सिक्का ले रहे हैं तो घर के अन्य सभी सदस्यों से भी 10-10 के सिक्के एकत्रित करने उसे मंदिर में दान कर दें। यदि आपके दादाजी हैं तो उनके साथ जाकर दान करें। यह दान गुरुवार को करें।
10. इस दिन पिंडदान, तर्पण, पंचबलि कर्म, ब्राह्मण भोज, घृत मिश्रित खीर का दान और सीधा दान देने से पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देने हैं और घर में सुख, शांति, समृद्धि बनी रहती है।