वैसे तो श्राद्ध श्रद्धा का विषय है और पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ सम्पन्न करने पर ही फलदायी होता है। लेकिन कुछ विशेष संयोग भी होते हैं जिनमें यदि श्राद्ध किया जाए तो श्रेयस्कर होता है। ऐसा ही एक योग है 'गजच्छाया योग' जिसमें श्राद्ध कर्म करने का अनन्त गुना फ़ल बताया गया है। 'गजच्छाया योग'कई वर्षों बाद बनता है। आइए जानते हैं 'गजच्छाया योग' किसे कहते हैं।