पंचबलि कर्म: पंचबलि कर्म अर्थात गाय, कौआ, कुत्ता, चींटी और देवताओं को अन्न अर्पण करना होता है। उपरोक्त और निम्न सभी से पहले अग्निदेव को अग्निग्रास देते हैं। जब भी रोटी बनाएं तो पहली रोटी अग्नि की, दूसरी रोटी गाय की और तीसरी रोटी कुत्ते की होती है। पहली रोटी मूल रूप से बहुत ही छोटी बनती है। अंगूठे के प्रथम पोर के आकार की। इस रोटी को अग्नि में होम कर दिया जाता है। अग्नि में होम करते वक्त इसके साथ अन्य जो भी बनाया है उसे भी होम कर दिया जाता है। पांच तरह के यज्ञों में से एक है देवयज्ञ जिसे अग्निहोत्र कर्म भी कहते हैं, यही देवबलि भी है।
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