आइए जानें 15 महत्वपूर्ण जानकारी :-
1. ग्रंथों में अश्विन मास के कृष्ण पक्ष को ही श्राद्ध पक्ष माना गया है जो विशेष रूप से पितरों को सम्मानित करने के लिए निर्धारित किया गया है। जहां तक अश्विन मास के शुक्ल पक्ष का सवाल है इसे देवपक्ष माना गया है। श्राद्ध पक्ष में भाद्रपद पूर्णिमा का श्राद्ध जोड़ना अपेक्षाकृत आधुनिक कहा जा सकता है।