यह हैं श्राद्ध के 6 पवित्र लाभ और तुलसी का महत्व

आचार्य राजेश कुमार
तुलसी से पिण्डार्चन किए जाने पर पितरगण प्रलयपर्यन्त तृप्त रहते हैं। तुलसी की गंध से प्रसन्न होकर गरुड़ पर आरुढ़ होकर विष्णुलोक चले जाते हैं।
 
पितर प्रसन्न तो सभी देवता प्रसन्न
 
श्राद्ध से बढ़कर और कोई कल्याणकारी कार्य नहीं है और वंशवृद्धि के लिए पितरों की आराधना ही एकमात्र उपाय है... 
 
आयु: पुत्रान् यश: स्वर्ग कीर्तिं पुष्टिं बलं श्रियम्।
पशुन् सौख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृपूजनात्।। (यमस्मृति, श्राद्धप्रकाश)
 
यमराजजी का कहना है कि–
 
* श्राद्ध-कर्म से मनुष्य की आयु बढ़ती है।
* पितरगण मनुष्य को पुत्र प्रदान कर वंश का विस्तार करते हैं।
* परिवार में धन-धान्य का अंबार लगा देते हैं।
* श्राद्ध-कर्म मनुष्य के शरीर में बल-पौरुष की वृद्धि करता है और यश व पुष्टि प्रदान करता है।
* पितरगण स्वास्थ्य, बल, श्रेय, धन-धान्य आदि सभी सुख, स्वर्ग व मोक्ष प्रदान करते हैं।
* श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करने वाले के परिवार में कोई क्लेश नहीं रहता वरन् वह समस्त जगत को तृप्त कर देता है।

ALSO READ: श्राद्ध में अर्पित सामग्री पितरों को कैसे मिलती है?

ALSO READ: श्राद्ध करने की सबसे सरल विधि (देखें वीडियो)

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख