काम की बातें : श्राद्ध पक्ष में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
जो पुरुष श्राद्ध का दान देकर अथवा श्राद्ध में भोजन करके स्त्री के साथ समागम करता है वह दोषी होता है...उसके पितृ उस दिन से लेकर एक महीने तक उसी के वीर्य में निवास करते हैं इसलिए भूलकर भी उस दिन स्त्री के साथ समागम नहीं करना चाहिए।
इन दिनों पान नहीं खाना चाहिए। बॉडी मसाज या तेल की मालिश नहीं करना चाहिए। किसी और का खाना नहीं खाना चाहिए।
इन दिनों खाने में चना, मसूर, काला जीरा, काले उड़द, काला नमक, राई, सरसों आदि वर्जित मानी गई है अत: खाने में इनका प्रयोग ना करें ।
श्राद्ध के दौरान क्षौर कर्म यानी बाल कटवाना, शेविंग करवाना या नाखून काटना आदि भी नहीं करना चाहिए।
श्राद्ध किसी दूसरे के घर में, दूसरे की भूमि में कभी नहीं किया जाता है। जिस भूमि पर किसी का स्वामित्व न हो, सार्वजनिक हो, ऐसी भूमि पर श्राद्ध किया जा सकता है।
भैंस, हिरणी, ऊंटनी, भेड़ और एक खुर वाले पशु का दूध भी वर्जित है, पर भैंस का घी वर्जित नहीं है।