Dwadashi shradh 2024: पितृपक्ष का तेरहवां दिन : जानिए द्वादश श्राद्ध तिथि पर क्या करें, क्या न करें

WD Feature Desk

शनिवार, 28 सितम्बर 2024 (15:30 IST)
Dwadashi ka Shradh kab hai 2024: श्राद्ध पक्ष में आने वाली आश्‍विन माह के कृष्‍ण पक्ष की द्वादशी के श्राद्ध को संन्यासी श्राद्ध कहते हैं। इस श्राद्ध को करने से ऋषियों का आशीर्वाद मिलता है और पितृ को मुक्ति मिलती है। इसलिए द्वादशी का श्राद्ध जरूर करना चाहिए। नहीं कर सकते हैं तो यथाशक्ति दान करने से इस श्राद्ध का फल मिलता है। यह भी नहीं कर सकते हैं तो आसमान में हाथ उठाकर पितरों से क्षमा मांगकर उनकी मुक्ति की कामना देवता अर्यमा और भगवान विष्णु से करें।

द्वादशी तिथि प्रारम्भ- 28 सितम्बर 2024 को दोपहर 02:49 बजे से प्रारंभ।
द्वादशी तिथि समाप्त- 29 सितम्बर 2024 को दोपहर 04:47 बजे तक समाप्त।
 
द्वादशी श्राद्ध 29 सितंबर रविवार 2024 को रहेगा:-
कुतुप मुहूर्त- दोपहर 11:47 से 12:35 के बीच।
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 11:47 से 12:35 के बीच।
रोहिणी मुहूर्त- दोपहर 12:35 से 01:23 के बीच।
अपराह्न काल- दोपहर 01:23 से 03:46 के बीच।
Shradh paksha AI
पितृपक्ष के द्वादशी श्राद्ध की खास बातें:-
1. जिन लोगों का देहांत इस दिन अर्थात तिथि अनुसार कृष्ण या शुक्ल दोनों पक्षों में से किसी भी पक्ष की द्वादशी तिथि हो हुआ है, उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है। जो कि इस बार 29 सितंबर को द्वादशी श्राद्ध रहेगा।
 
2. द्वादशी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध भी किया जाता है जिन्होंने स्वर्गवास के पहले संन्यास ले लिया था। उनका देहांत किसी भी तिथि को हुआ हो परंतु श्राद्ध पक्ष की द्वादशी तिथि को उनका श्राद्ध जरूर करना चाहिए। इस तिथि को 'संन्यासी श्राद्ध' के नाम से भी जाना जाता है।
 
3. एकादशी और द्वादशी में वैष्णव संन्यासी का श्राद्ध करते हैं। अर्थात् इस तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किए जाने का विधान है, जिन्होंने संन्यास लिया हो।
 
4. इस दिन पितरगणों के अलावा साधुओं और देवताओं का भी आह्‍वान किया जाता है।
 
5. इस दिन संन्यासियों को भोजन कराया जाता है या भंडारा रखा जाता है।
 
6. इस श्राद्ध में तर्पण और पिंडदान के बाद पंचबलि कर्म भी करना चाहिए।
 
7. इस तिथि में 7 ब्राह्मणों को भोजन कराने का विधान है।

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