नोट : ब्रह्म कपाल, गया, प्रभास, पुष्कर, प्रयाग, नैमिष वन (सरस्वती नदी पर), गंगा, यमुना एवं पयोष्णी पर, अमरकंटक, नर्मदा, काशी, कुरुक्षेत्र, भृगुतुंग, हिमालय, पवित्र सरोवर, सप्तवेणी, ऋषिकेश, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, कावेरी और गोदावरी के किसी भी तट पर श्राद्ध किया जा सकता है।