Shradh Paksha: 16 दिनों तक चलते वाले इस सोलह श्राद्ध में पितरों की शांति और मुक्ति के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है। 01 अक्टूबर को श्राद्ध का तीसरा दिन रहेगा। यानी तृतीया का श्राद्ध रखा जाएगा। आओ जानते हैं कि इस दिन कब तक रहेगी तृतीया तिथि और क्या है श्राद्ध करने का मुहूर्त और विधि। इस दिन खासकर किन लोगों का करते हैं श्राद्ध। तृतीया श्राद्ध को तीज श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है।
तृतीया तिथि प्रारंभ: 09 सितंबर 2025 को शाम 06:41 बजे।
तृतीया तिथि समाप्त: 10 सितंबर 2025 को अपराह्न 03:33 तक।
कुतुप मूहूर्त: दोपहर 12:53 से 12:43 तक।
रौहिण मूहूर्त: दोपहर 12:43 से 01:33 तक।
अपराह्न काल: दोपहर 01:33 से 04:02 तक।
किन पितरों के लिए किया जाता है तृतीया के दिन श्राद्ध :
1. तृतीया के दिन जिन लोगों का देहांत हुआ है, अर्थात् तिथि अनुसार दोनों पक्षों (कृष्ण या शुक्ल) पक्ष की तृतीया तिथि को जिसका भी देहांद हुआ है उनका उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है।
3. इस दिन श्राद्ध अभिजीत, कुतुप या रोहिणी मुहूर्त में किया जाता हैं।
4. श्राद्ध पक्ष में दोपहर के समय या दोपहर के बाद अपराह्न काल में श्राद्ध करना चाहिए।
तृतीया तिथि के श्राद्ध में रखें ये सावधानियां :
1. इस दिन गृह कलह न करें, झूठ न बोलें और ब्याज का धंधा न करें।
2. श्राद्ध के दौरान मांगलिक कार्य करना वर्जित है।
3. इस दिन शराब पीना, मांस खाना, चरखा भोजन, बैंगन, प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तील, मूली, लौकी, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर की दाल, सरसो का साग, चना आदि वर्जित माना गया है।