सुहागिनों का श्राद्ध व तर्पण 13 को

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पितृ पक्ष की नौवीं तिथि को सुहागिन महिलाओं का श्राद्ध व तर्पण किया जाएगा। यह तिथि रविवार 13 सितंबर को पड़ेगी, क्योंकि श्राद्ध के लिए उदयातिथि की मान्यता है, इसीलिए रविवार को ही श्राद्ध व तर्पण किया जाना उचित होगा। ज्योतिषाचार्य पं. प्रहलाद कुमार पण्ड्या ने बताया कि इसे मातृ नवमी भी कहा जाता है।

इस दिन उन महिलाओं का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु पति के पहले हुई हो। उन्होंने बताया कि हालाँकि नौवीं तिथि शनिवार शाम से प्रारंभ हो रही है, जो रविवार को सुबह तक रहेगी। श्राद्ध कर्म उदयातिथि में ही किए जाते हैं, इसलिए नौवीं तिथि का पिण्डदान व तर्पण आदि श्राद्ध कर्म रविवार को किया जाना शास्त्र सम्मत होगा।

श्राद्ध पक्ष की सप्तमी तिथि पर शुक्रवार को भी विभिन्न स्थानों पर सामूहिक श्राद्ध कर्म हुए। तालाबों और जलाशयों के अलावा घरों में भी लोगों ने अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध व तर्पण आदि किए। इस अवसर पर ब्राम्हणों को भोजन भी कराया गया। साथ ही पूर्वजों के मनपसंद पकवानों से गाय, कुत्ते, कौए व चीटियों के लिए निकाले गए ग्रास उन्हें खिलाए और पुरखों की आत्मा की शांति व मुक्ति के लिए कामना की।

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