2. कहते हैं कि माता ने रंभासुर के पुत्र महिषासुर से 9 दिन तक युद्ध करने के बाद 10वें दिन उसका वध कर दिया था इसलिए विजयादशमी का उत्सव मनाया जाता है। महिषासुर एक असुर अर्थात दैत्य था वह राक्षस नहीं था। जबकि प्रभु श्री राम और रावण का युद्ध कई दिनों तक चला अंत में श्रीराम ने दशमी के दिन रावण का वध कर दिया था। रावण एक राक्षस था वह असुर नहीं था।
4. विजयादशमी पर देवी अपराजिता और शस्त्र की पूजा का खासा महत्व रहता है। यह पूजा दिन में विजय मुहूर्त में करते हैं। जबकि दशहरा के लिए रात में रावण दहन और शमी पूजा का खास महत्व है। श्रीराम ने भी रावण को मारने के पहले देवी पूजा की थी। वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम ने युद्ध में विजयी होने के लिए ऋष्यमूक पर्वत पर आश्विन प्रतिपदा से नवमी तक आदिशक्ति मां दुर्गा की उपासना की थी। इसी के साथ उन्होंदे देवी अपराजिता की पूजा भी की थी। इसके बाद भगवान श्रीराम इसी दिन किष्किंधा से लंका के लिए रवाना हुए थे।