विधि: 22 जुलाई को शाम के समय प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के 45 मिनट पहले से 45 मिनट बाद तक के समयावधि में स्नान कर लें। एक ही पूजा में भगवान शिव, माता पार्वती और हनुमान जी की उपासना करें। फिर शिवलिंग पर लाल चंदन, बेलपत्र, धतूरा, गुड़ का जल और शुद्ध जल अर्पित करें।
'ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। माता गौरी के पूजन हेतु लाल पुष्प, सिंदूर, लाल चूड़ियां और लाल चुनरी अर्पित करें।
'सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।' मंत्र का जाप करें। फिर हनुमान जी के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करें और उन्हें चमेली के तेल के साथ सिंदूर चढ़ाएं। बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। साथ ही पूजा के बाद किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को लाल मसूर की दाल का दान करें। यह मंगल ग्रह को शांत करता है और कर्ज मुक्ति में सहायक होता है।
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