Ganesh chaturthi 2025: आजकल कुछ क्षेत्रों नदी और तालाबों में गणपति विसर्जन पर रोक लगा रखी है। अधिकतर लोग घर के टब या बाल्टी में ही गणपति प्रतिमा का विसर्जन करने लगे हैं। मिट्टी के गणेश प्रतिमा ही खरीदने पर जोर दिया जाता है जिसमें प्राकृतिक रंगों से सजावट की हो। इको फ्रेंडली गणपति मूर्ति ही खरीदना चाहिए। हालांकि आजकल कई लोग गणपति मूर्ति का विसर्जन नहीं करना चाहते हैं। इसके पीछे कई कारण है। यदि आप भी यही सोच रहे हैं तो जानिए कि आपको क्या करना चाहिए। इस बार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 27 अगस्त 2025 बुधवार को रहेगी। इसी दिन गणपति मूर्ति की स्थापना होगी। इसके बाद 06 सितंबर 2025 शनिवार के दिन गणेशजी की प्रतिमा का विसर्जन होगा।
2. अब कुछ लोग हर साल अपने घर में ही मिट्टी के गणपति बनाकर उसका विसर्जन करते हैं।
3. कुछ लोग अपने घर में गणपति की मूर्ति नहीं लाते हैं परंतु गणेश उत्सव के दौरान प्रतिदिन गणपति पूजा करते हैं।
4. कुछ लोग विसर्जन तो करना चाहते हैं परंतु नदी और तालाबों में गणपति विसर्जन पर रोक लगी है। इसलिए वे मंदिर में या नगर निगम के वाहन पर गणेशजी को रख कर आ जाते हैं। ऐसा करना कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगता है, क्योंकि बाद में उन प्रतिमाओं की दुर्गति होते हुए उन्होंने देखी होगी।
यदि नहीं करना चाहते हैं गणपति मूर्ति का विसर्जन तो क्या करें?
गणेश चतुर्थी पर गणपति स्थापना का खास महत्व होता है। यदि आप विसर्जन नहीं करना चाहते हैं तो आपको अपने घर पर गणपति जी की पीतल की मूर्ति रखना चाहिए और उसको विधिवत स्थापित करके तप तक नहीं हिलाना चाहिए जब तक की विसर्जन का समय न हो। फिर विसर्जन के समय आप उक्त मूर्ति को स्थापित जगह से विधिवत हटाकर जलाभिषेक करके उसे पूजा घर में पुन: स्थापित कर लें।