Shiv Puja in Sawan Monday: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीनों में से एक है। इस महीने में सोमवार के दिन शिव जी की विशेष पूजा और व्रत का अत्यधिक महत्व है। मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं, संतान सुख प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।ALSO READ: सावन मास में उज्जैन में महाकाल बाबा की प्रथम सवारी कब निकलेगी?
आइए यहां जानते हैं श्रावण सोमवार से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी तथा आरती, चालीसा, पूजन विधि और सावन सोमवार की तिथियों के बारे में...
सावन सोमवार 2025 की महत्वपूर्ण तिथियां: वर्ष 2025 में सावन का महीना 11 जुलाई 2025, शुक्रवार से शुरू हो रहा है और इसका समापन 9 अगस्त 2025, शनिवार को होगा।
1. सुबह स्नान और संकल्प: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
- भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए 'मम क्षेमस्थैर्यसिद्धयर्थं सकल-मनोरथ-सिद्धये श्रावण-सोमवार-व्रतं करिष्ये' मंत्र का उच्चारण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
2. शिवलिंग पर जलाभिषेक और पूजन:
- घर के मंदिर में या शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर सबसे पहले जल अर्पित करें। यदि गंगाजल मिला हुआ हो तो और भी शुभ होता है।
- उसके बाद दूध, दही, घी, शहद और शक्कर मिलाकर यानी पंचामृत से अभिषेक करें।
- फिर शुद्ध जल से पुनः अभिषेक करें।
- शिवलिंग पर हमेशा बेलपत्र उल्टा अर्पित करें यानी चिकना भाग शिवलिंग की ओर हो, साथ ही धतूरा, भांग, शमी पत्र, सफेद पुष्प या आक के फूल, चंदन, अक्षत, भस्म आदि अर्पित करें।
- माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री, लाल चुनरी और पुष्प अर्पित करें।
- धूप और दीपक जलाएं।
3. मंत्र जाप और कथा:
- भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें, जैसे 'ॐ नमः शिवाय' या 'महामृत्युंजय मंत्र'।
- शिव चालीसा का पाठ करें।
- सावन सोमवार व्रत की कथा अवश्य सुनें या पढ़ें।
4. आरती:
- पूजा के अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
5. प्रसाद:
- भगवान को फल, मिठाई (जैसे खीर, हलवा) आदि का भोग लगाएं।
- भोग लगाने के बाद प्रसाद का वितरण करें।
6. फलाहार और पारण:
- दिनभर व्रत रखें। यदि निराहार नहीं रह सकते तो फलाहार में दूध, फल, साबूदाना, कुट्टू आदि ग्रहण करें।
- शाम को सूर्यास्त के बाद दोबारा पूजा करें, यदि आपने संकल्प न लिया हो तो दिन में एक बार ही पूजा करें।
- अगले दिन यानी मंगलवार को स्नानादि के बाद व्रत का पारण करें, सात्विक भोजन ग्रहण करें।
व्रत के नियम और सावधानियां:
• सावन सोमवार व्रत में प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन न करें।
सावन सोमवार का व्रत और पूजा, भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त करने का एक अद्भुत अवसर है। इस तरह श्रावण सोमवार में पूजा-आराधना करके आप अनंत फल प्राप्त कर सकते हैं।
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