Shravan Maas 2019 : श्रावण मास में पंडित नहीं मिले तो घर पर इस विधि से करें पूजन
श्रावण मास की प्रामाणिक पूजा विधि
श्रावण मास में जो लोग विधिविधान से पूजा करना चाहते हैं उन्हें पंडित खोजने में परेशानी होती है, पंडित अगर मिल जाए तो उसे पूरा ज्ञान नहीं होता। वेबदुनिया की धर्म डेस्क ने पंडितों से बात कर प्रामाणिक पूजन विधि तैयार की है। इसके माध्यम से आप घर पर भी पूजन कर सकते हैं। प्रस्तुत है श्रावण मास पूजन विधि...
कैसे करें श्रावण मास में पूजन :-
विधि : शिव पूजन के लिए स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके बैठ जाएं। पूजन की सामग्री अपने पास रख लें। अच्छी मिट्टी भी पास रखें। हो सके तो भस्म का त्रिपुण्ड लगाकर बैठें। पवित्री धारण कर आचमन, प्राणायाम करें।
3 बार - ॐ केशवाय नम:। ॐ नारायणाय नम:। ॐ माधवाय नम:- मंत्र का जाप करें।
आचमन के पश्चात दाहिने हाथ के अंगूठे के मूल भाग से ॐ ऋषिकेशाय नम:, ॐ गोविन्दाय नम: कहकर होठों को पोंछ लें एवं हाथ धो लें। इसके बाद बाएं हाथ से जल लेकर दाहिने हाथ से अपने ऊपर और पूजा सामग्री पर जल छिड़क लें। यह बोलकर-
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां- गतोऽपि वा।
- य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:।।
अभिषेक- पार्थिव लिंग पर महिम्न स्तोत्र या वैदिक रुद्र सूक्त से या घर पर कर रहे हों तो नम: शिवाय की माला से अभिषेक करें। फिर गन्धोदक स्नान- ॐ नम: शिवाय, श्री भगवते साम्बसदाशिवाय नम:, गन्धोदक स्नान समर्पयामि।
फिर धूप, धूप के बाद दीपक भगवान को बताएं, यह कहकर -
ॐ नम: शिवाय, श्री भगवते साम्बसदाशिवाय नम:, धूप-माघ्रापयामि, दीपं दर्शयामि।
उसके बाद नैवेद्य लगाएं
ॐ नम: शिवाय, श्री भगवते साम्बसदाशिवाय नम:, नैवेद्यं समर्पयामि (निवेदयामि)। आचमनीयं जलं समर्पयामि। फिर ऋतुफलं समर्पयामि। फिर ऋतुफलं चढ़ाएं
फिर- ताम्बुल फलं हिरण्यगर्भ दक्षिणां समर्पयामि।
इसके बाद प्रभु शिवजी की आरती करें।
आरती- ॐ नम: शिवाय, श्री भगवते साम्बसदाशिवाय नम:, आरर्तिक्यं समर्पयामि। (आरती करके जल गिराएं)
फिर मंत्र पुष्पांजलि
ॐ नम: शिवाय, श्री भगवते साम्बसदाशिवाय नम:, मंत्र पुष्पांजलि समर्पयामि। (फूल चढ़ा दें)
इसके बाद प्रदक्षिणा करें, प्रदक्षिणा के बाद क्षमा-प्रार्थना करें।
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां नैव हि जानामि क्षमस्त परमेश्वर।।
फिर विसर्जन, विसर्जन के बाद समर्पण जल छोड़ें।
अनेन शिवपूजकर्मणा श्री यज्ञस्वरूप: शिव: प्रीयताम् न मम। पूजन कर्म समाप्त करें।
विशेष- उपरोक्त पूजन संक्षिप्त में घर पर ही प्रतिदिन कर सकते हैं। पूजन करने से पहले समस्त सामग्री अपने पास रख लें, जैसे आरती की थाली, दीपक, अगरबत्ती, फूल, फूलमाला, पंचामृत, शुद्ध जल, घी, शहद, धतूरा, दूर्वा, कुशा आदि। पूजन करते समय पूर्ण ध्यान दें। शिवजी अवश्य आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगे।
(संक्षिप्त पूजन के लिए घर में रखे शिवलिंग का भी पूजन कर सकते हैं।)