यह माह आशाओं की पूर्ति का समय होता है, जिस प्रकार प्रकृति ग्रीष्म के थपेड़ों को सहती हुई सावन की बौछारों से अपनी प्यास बुझाती हुई असीम तृप्ति एवं आनंद को पाती है उसी प्रकार प्राणियों की इच्छाओं को सूनेपन को दूर करने हेतु यह माह भक्ति और पूर्ति का अनुठा संगम दिखाता है ओर सभी की अतृप्त इच्छाओं पूर्ति करता है।
इस मास के व्रत से शिव लोक की होती है प्राप्ति इस श्रावण मास में शिव भक्त ज्योतिर्लिगों का दर्शन एवं जलाभिषेक करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त करता है तथा शिवलोक को पाता है। महामृत्युंजय मंत्र, पंचाक्षर मंत्र इत्यादि शिव मंत्रों का जाप शुभ फलों में वृद्धि करने वाला होता है।