सावन सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सोमवार, सोलह सोमवार और सोम प्रदोष। सोमवार व्रत की विधि सभी व्रतों में समान होती है। इस व्रत को सावन माह में आरंभ करना शुभ माना जाता है।
गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिड़कें।
घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें-
'मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये'
इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-
'ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्।
इसकें बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें।
श्रावण सोमवार व्रत फल
श्रावण मास के सोमवार को करने से भगवान शिव और माता पार्वती संयुक्त रूप से प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्राप्ति का आशीष देते हैं। इस व्रत से सुख, सफलता, सादगी, संयम, सच्चरित्रता, स्नेह और सौभाग्य का वरदान मिलता है। भगवान शिव हर विपरीत परिस्थिति में भक्त का सहारा बनते हैं। इस उपवास से तरक्की के रास्ते खुलते हैं और आशुतोष भगवान शिव की पूर्णत: कृपा मिलती है।