माखन-मिश्री सहित कौन-कौन से हैं श्री कृष्ण के प्रिय प्रसाद

मंगलवार, 16 अगस्त 2022 (12:42 IST)
Krishna Janmashtami bhoga: भादो माह के कृष्‍ण पक्ष की अष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है, जिसे जन्माष्टमी कहते हैं। इस बार  5250वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन कृष्‍ण मंदिरों में उनके प्रिय भोजन और प्रसाद का उन्हें नैवेद्य अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं। आओ जानते हैं श्रीकृष्ण के प्रिय प्रसाद के बारे में विशेष जानकारी।
 
 
'पत्रं, पुष्पं, फलं, तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मन:।'
अर्थ : जो कोई भक्त मेरे लिए प्रेम से पत्र, पुष्प, फल, जल आदि अर्पण करता है, उस शुद्ध बुद्धि निष्काम प्रेमी का प्रेमपूर्वक अर्पण किया हुआ वह पत्र-पुष्पादि मैं सगुण रूप में प्रकट होकर प्रीति सहित खाता हूं। -श्रीकृष्ण
 
श्रीकृष्ण भोग : भगवान श्रीकृष्ण को साग, कढ़ी और पूरी के अलावा प्रमुख रूप से 8 भोजन प्रिय है- 1.खीर, 2.सूजी का हलुआ या लड्डू, 3.सिवइयां, 4.पूरनपोळी, 5.मालपुआ 6.केसर भात, 7.केले सहित सभी मीठे फल और 8.कलाकंद
 
श्रीकृष्ण प्रसाद : श्रीकृष्ण के उपरोक्त भोग के अलावा उन्हें 1.माखन-मिश्री, 2.पंचामृत, 3.नारियल, 4.सुखे मेवे और 5.धनिया पिंजरी का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
खीर : खीर में किशमिश, बारीक कतरे हुए बादाम, बहुत थोड़ी-सी नारियल की कतरन, काजू, पिस्ता, चारौली, थोड़े से पिसे हुए मखाने, सुगंध के लिए एक इलायची, कुछ केसर और अंत में तुलसी जरूर डालें। उसे उत्तम प्रकार से बनाएं और फिर श्रीकृष्ण को भोग लगाने के बाद वितरित करें।
 
हलुआ : भारतीय समाज में हलवे का बहुत महत्व है। कई तरह के हलवे बनते हैं लेकिन सूजी का हलवा श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है। सूजी के हलवे में भी लगभग सभी तरह के सूखे मेवे मिलाकर उसे भी उत्तम प्रकार से बनाएं और भगवान को भोग लगाएं।
 
प्रति रविवार, गुरुवार या अष्टमी को श्रीकृष्ण को उक्त उत्तम प्रकार का भोग लगाने से दोनों प्रसन्न होते हैं और उसके घर में किसी भी प्रकार से धन और समृद्धि की कमी नहीं होती है।

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