राजा ने ऋषि से कहा कि हमें प्यास लगी है हमें पानी चाहिए, लेकिन ऋषि तो समाधी में थे। राजा परीक्षित ने कई बार ऋषि से पानी मांगा, लेकिन ऋषि ने कोई जवाब नहीं दिया। उस वक्त राजा के मुकुट में कलियुग बैठा था राजा को क्रोध आया और उन्होंने उनका वध करने के लिए धनुष पर बाण चढ़ा दिया, लेकिन संस्कारवश उन्होंने खुद को ऋषि की हत्या करने से रोक लिया। तब उन्होंने वहां मरे पड़े एक सांप को महर्षि शमिक के गले में डाल दिया और वहां से चले गए।