फिर रामानंद सागरजी बताते हैं कि किस तरह
द्रौपदी का चीरहरण हुआ और किस तरह श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की सहायता की थी। आगे वे श्रीकृष्ण से जुड़े प्रसंगों को फिर से बताते हैं। इस प्रसंगों में सुदामा के द्वारिका आने और श्रीकृष्ण के द्वारा भावुक होकर उनका स्वागत करने वाले एपिसोड को पुन: बताते हैं।... इस एपिसोड को पूरा पढ़ने के लिए आगे क्लिक करें
सुदामा और द्वारिकाधीश जब मिले एक दूसरे से