वह अंधा गायक गर्ग मुनि के श्रीचरणों में प्रणाम करता है। गर्ग मुनि आशीर्वाद देकर कहते हैं बिराजिये कविराज। कहिये क्या आज्ञा है? यह सुनकर वह अंधा गायक आंखों में आंसू भरकर कहता है प्रभु आप स्वयं ही ब्रह्माजी के पुत्र हैं। इसलिए आपको सर्वसमर्थ जानकर एक प्रार्थना लेकर आया हूं। तब गर्ग मुनि कहते हैं कि हम यथा शक्ति आपकी आज्ञा का पालन करेंगे, कहिये।