एक सहयोगी राजा शल्य कहता है कि मथुरा की सेना एक दिन के लिए भी अब हमारा समना नहीं कर सकती। इसका अर्थ है कि मथुरा आपके हाथ में आ चुकी है। तत्पश्चात दो ही रास्ते हैं कि मथुरा को तहस-नहस करके उसका विनाश कर दिया जाए और दूसरा यह कि मथुरा जैसे सुंदर, समृद्ध और बसा-बसाया नगर यदि आपके राज्य के साथ मिला लिया जाए तो आपके साम्राज्य की शोभा और बढ़ेंगी। और, जहां तक कंस की हत्या के प्रतिशोध का प्रश्न है तो उसके लिए तो उन दो ग्वालों कृष्ण और बलराम को ही शूली पर चढ़ा देना पर्याप्त होगा। क्योंकि वास्तविक हत्यारे तो वे ही हैं उसमें प्रजा का क्या दोष?