3. गुरु हर राय जी, बाबा गुरु दित्ता एवं माता निहाल कौर के पुत्र थे।
4. सिखों के छठवें गुरु हरगोविंद सिंह जी को जब इस बात का आभास हो गया कि अब उनका अंतिम समय निकट आने वाला है तो उन्होंने अपने पौत्र को गद्दी सौंप दी यानी अपने पोते हर राय जी को 'सप्तम् नानक' के रूप में घोषित किया था। उस समय उनकी उम्र मात्र 14 वर्ष की थी।