Guru Granth Sahib : गुरु ग्रंथ साहिब सिख समुदाय का एक धार्मिक ग्रंथ है। इसमें सिख गुरुओं द्वारा कहीं गई बाणी का वर्णन है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाशोत्सव पर गुरुद्वारा से नगर कीर्तन निकाला जाता है तथा लंगर का आयोजन किया जाता है। यह सिखों का प्रमुख धर्मग्रंथ माना जाता है। आइए जानें इस खास दिन के बारे में-
वर्ष 2023 में गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश पर्व 1 सितंबर, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। 'गुरु ग्रंथ साहिब' सिख समुदाय का प्रमुख धर्मग्रंथ है। ज्ञात हो कि सिख धर्म में धर्मशास्त्र के शब्दों को गुरुबानी के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है 'गुरु के मुंह से' निकली हुई बाणी।
श्री गुरु नानक देव जी से लेकर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी तक गुरुगद्दी शारीरिक रूप में रही क्योंकि इन सभी गुरु जी ने पांच भौतिक शरीर को धारण करके मानवता का कल्याण किया, पर सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी ने शरीर का त्याग करने से पहले सारी सिख कौम को आदेश दिया कि आज से आपके अगले गुरु 'श्री गुरु ग्रंथ साहिब' ही हैं। आज से हर सिख सिर्फ 'गुरु ग्रंथ साहिब' जी को ही अपना गुरु मानेगा। उन्हीं के आगे शीश झुकाएगा और जो उनकी बाणी को पढ़ेगा, वो मेरे दर्शन की बराबरी होगी।
गुरु गोबिंद सिंह जी ने आदेश दिया कि सिख किसी भी शरीर के आगे, मूर्ति के आगे या फिर कब्र के आगे सिर नहीं झुकाएंगे। उनका एक ही गुरु होगा और वो है 'श्री गुरु ग्रंथ साहिब'। अत: इसे गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश उत्सव के रूप में भी जाना जाता है।
यह खासकर पंजाब राज्य में मनाया जाता है। गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाशोत्सव प्रतिवर्ष भादों मास मनाया में जाता है। पंजाबी कैलेंडर के अनुसार यह छठे महीने में तथा पश्चिमी कैलेंडर के अनुसार यह पर्व अगस्त या सितंबर महीने पड़ता है। मान्यतानुसार सिख धर्मग्रंथ को गुरु ग्रंथ साहिब के रूप में जाना जाता है तथा यह सिख गुरुओं और संतों द्वारा बोली गई बाणी को प्रकट करता है।