तीर्थस्थली उज्जैन में कुछ अति धार्मिक श्रद्धालु किसी गरीब कन्या के विवाह के लिए नकद रुपया और उपकरणों का दान भी करते हैं। वे पहले से सूचना देकर ऐसे लोगों की जानकारी इकट्ठी कर लेते हैं, जो, धन की कमी से अपनी बेटी का ब्याह नहीं कर पाते।
वह बेटी के पिता से कहता है कि विवाह के बाद इस कन्या को उसके घर लाए। दान के जरिए बताई गई इस बेटी को श्रद्धालु अपनी ही बेटी मानकर समय-समय पर उन्हें कुछ न कुछ भेंट उपहार देते रहते हैं। दान का यह सामाजिक रूप ज्यादा प्रचलन में नहीं है, लेकिन इसके कई उदाहरण दिए जा सकते हैं।