ईश्वर, ज्ञान, भक्ति, वैराग्य सनातन यानी हिन्दू धर्म में बहुत ही सुंदर व्याख्या की गई है। वसुधैव कुटुंबकम का संदेश तो सनातन संस्कृति ही देन है। गोसंरक्षण भी हमारी प्राचीन परंपरा रही है। गोवंश का न सिर्फ धार्मिक बल्कि आर्थिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्व है। वेबदुनिया के लिए विशेष रूप से सनातन धर्म की इन्हीं विशेषताओं पर विद्वान संतों ने अपने विचार रखे। आइए जानते हैं कि उनके वे विचार जो सर्वकालिक हैं, कालजयी हैं...
भागवत तत्वज्ञ चेतन शास्त्री जी महाराज ने कहा कि भगवान का अस्तित्व ही पृथ्वी का सार है। ईश्वर वेद, देवता, धर्म, ब्राह्मण, गाय, साधु-संत आदि को खुद का स्वरूप मानकर उनके संरक्षण की बात करते हैं। वे कहते हैं ये सभी मेरे ही स्वरूप हैं। (देखें वीडियो)