महाकाल की नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने आए एक वृद्ध संत सभी के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े से जुडे महंत गोपालदास महाराज का कहना है कि उनकी उम्र 112 वर्ष है और वह यहां के आठ सिंहस्थों में शामिल हो चुके हैं। वे आध्यात्मिक और धार्मिक कामों के अलावा समाजसेवा में भी सक्रिय हैं।
गोपालदास महाराज ने बताया कि वे गुजरात के जूनागढ़ क्षेत्र में अनेक महाविद्यालय और संस्थाएं संचालित करते हैं। इन संस्थानों में लगभग छह हजार विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। लगभग चार सौ गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है।
उनका दावा है कि वह गौसंरक्षण के अलावा वृद्धों के लिए भी अनेक काम कर रहे हैं। (वार्ता)