उज्जैन। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा की पंच परमेश्वर की पेशवाई रविवार को नील गंगा शुरू हुई। पेशवाई में शामिल श्री दत्त प्रकाश भाला देवता का पूजन आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज, जगतगुरु शंकराचार्य काशी सुमेरू पीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज, श्रीमहन्त हरि गिरि जी महाराज अन्तरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व उनकी धर्मपत्नी ने किया।
जूना अखाड़ा की पेशवाई में पंच के चार महन्त गजकेसर गिरि जी महाराज, महन्त मोहन भारती जी महाराज, महन्त आशोक गिरि जी महाराज, महन्त रूद्र पुरी जी महाराज के अलावा सभापति महन्त उमाशंकर भारती जी महाराज, महन्त दौलत गिरि जी महाराज, महन्त मछन्दर पुरी जी महाराज, उपाध्यक्ष महन्त प्रेम गिरि जी महाराज, महन्त विद्यानन्द सरस्वती जी महाराज, महन्त देवेन्द्र गिरि जी महाराज, महन्त नारायण गिरि जी महाराज अन्तरराष्ट्रीय मंत्री, अन्तरराष्ट्रीय महन्त परशुराम गिरि जी, 60 महामंडलेश्वर, नागा शामिल हुए।
5 हजार संत, 4 बड़ी ध्वजा, 2 हाथी, 5 रथ, 1 मयूर रथ, 1 एसी रथ, 16 बैंड, 15 घोड़े, 5 रथ बग्घियां, 4 नगाड़े, 25 ट्रैक्टर, 2 फुलवारी तोप के साथ यह पेशवाई उज्जैन शहर में 6 घंटे तक चली।
पेशवाई नील गंगा से आरम्भ होकर भूखी माता मन्दिर के समीप, जहां पर श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ की धर्म ध्वजा स्थापित है, वहां पर दत्त भगवान का पूजन करने के बाद कार्यक्रम के समाप्त हुई। जूना अखाड़ा की पेशवाई के दर्शन के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा।