बारिश और आंधी में बड़े पंडालों को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन मंगलनाथ, चिंतामण और अन्य क्षेत्रों में छोटे-छोटे तंबू बनाकर रह रहे साधु-महात्माओं को ज्यादा नुकसान हुआ है। तेज हवा से उनके तंबू गिर गए और उनके खेमे गीले हो गए। इस कारण उनका सामान भी गीला हो गया।
ये वे साधु हैं, जिनके पास न तो खुद का पैसा है न ही सरकार की ओर से भी उन्हें खास मदद मिल पाई। उन इलाकों में शासन की ओर से भी ज्यादा खर्च नहीं किया गया। इसलिए वे अपने लिए पुख्ता व्यवस्था भी नहीं कर पाए, जैसी कि बड़नगर रोड स्थित बड़े-बड़े पंडालों में दिखाई देती है।