इसमें मुख्य रूप से आनंद मंत्रालय का गठन, नदियों के पुनर्जीवन और नर्मदा-क्षिप्रा के किनारे वृक्षारोपण, स्कूली पाठ्यक्रम में सर्वधर्म समादर की भावना विकसित करने, नैतिक शिक्षा एवं बेटियों के प्रति सद्भाव बढ़ाने वाले पाठ शामिल करना हैं।
इसके अलावा आयुर्वेद पद्धति को बढ़ावा, स्कूलों में योग शिक्षक की नियुक्ति, अपने घरों में शौचालय नहीं बनवाने पर स्थानीय चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने, कुटीर उद्योगों को बढ़ावा, रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करने और जैविक खेती को बढ़ावा तथा नारी प्रतिष्ठा और गरिमा को ध्यान में रखते हुए विज्ञापनों में नारी के प्रदर्शन को रोकने के लिए कार्रवाई करना शामिल है।