श्रीमती राजे ने प्रदेश की खुशहाली एवं उन्नति के लिए महाकाल की नगरी में स्थित कई मंदिरों में पूजा-अर्चना की तथा पवित्र शिप्रा नदी के घाट पर स्नान भी किया। उन्होंने अंगारेश्वर महादेव मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। उन्होंने पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंदगिरिजी महाराज एवं उत्तम स्वामी ईश्वरानंदजी महाराज के पण्डाल में कथा वाचन कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।
पेंन्टिग में महाकाल मंदिर, क्षिप्रा नदी के घाट, साधु-संतों की विभिन्न मुद्राएं, भगवान शिव की नृत्य की विभिन्न मुद्राएं, अमृत मंथन, उज्जैन के प्रसिद्ध तीर्थ स्थान प्रमुख हैं। आदिवासी कलाकारों ने भी पेंन्टिग के ज़रिए आदिवासी जनजीवन को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया है। लोक कला को पेंन्टिग के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
सिंहस्थ में 22 अप्रैल से 21 मई के दौरान 7 मंच पर 500 से अधिक कलाकार समसामायिक, लोककला और आदिवासी शैली में चित्र बना रहे हैं। इन चित्रों पर कॉफी-टेबल बुक तैयार करवाई जाएगी। इस बुक का विमोचन नई दिल्ली में होगा। (वार्ता)