आपदा पर आस्था की जीत, श्रद्धालुओं का पर्व स्नान जारी

शुक्रवार, 6 मई 2016 (10:59 IST)
उज्जैन। मध्यप्रदेश की धार्मिक एवं प्राचीन नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ के दौरान आई प्राकृतिक आपदा के बावजूद आज शुक्रवार को अमावस्या के पर्व स्नान के लिए लाखोंं श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में डुुबकी लगाई। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहेगा।
 
आधिकारिक सूत्रोंं ने बताया कि सिंहस्थ के तहत होने वाले आज के पर्व स्नान में गुरुवार मध्यरात्रि से लेकर शुक्रवार सुबह 8 बजे तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान किया। शिप्रा नदी पर बने घाटोंं पर स्नान सामान्य स्थिति में चल रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तड़के सर्किट हाउस पहुंचे और इसके पश्चात उन्होंने 4.30 बजे अस्पताल के अलावा चिमनगंज मंडी में श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्था का जायजा लिया। इसके बाद वे 8 बजे यहां से रवाना हो गए।
 
7  मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा 5-5 लाख एवं गंभीर घायलों के लिए 50 हजार देने के साथ ही मुफ्त इलाज किया जा रहा है और मेला क्षेत्र में जिला प्रशासन एवं आसपास की 100 टीमों का अमला राहत कार्य में जुटा हुआ है।
 
पंडाल में अभी तक 10 डम्पर चूरी डाली जा चुकी है। राहत कार्य के तहत आसपास के जिले के  100 जिलों की टीमें लगाई गई हैंं। इसके अलावा साधु-संतों एवं अखाड़ों के पंडाल को पुन:स्थापित करने के लिए अन्य जिलों से टेंंट की व्यवस्था की जा रही है। साधु-संतों व अखाड़ों में प्राकृतिक आपदा से खाद्य सामग्री खराब हो गई है। उन सभी को सरकार द्वारा नि:शुल्क खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
 
विश्वप्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में गुरुवार रात आंधी-तूफान और बारिश के कारण सिंहस्थ महापर्व के मेला क्षेत्र में बनाए गए सैकड़ों पंडाल गिर जाने से काफी नुकसान हुआ और 3 हजार हैैक्टेेयर में लगे पंडालोंं में पानी भर गया, पेड़ गिर गए। इस घटना में करीब 7 लोगों की मौत हो गई और अनेक घायल हो गए। इस दौरान देश-विदेश सहित परपंरानुसार होने वाली पंचक्रोशी यात्रा के अंतिम पड़ाव के लिए लाखों लोग मौजूद थे।
 
आधिकारिक जानकारी के अनुसार तेज आंधी और बारिश के कारण मेला क्षेत्र में हुई जन-धन की हानि के बाद शासन-प्रशासन द्वारा त्वरित रूप से युद्धस्तर पर किए जा रहे बचाव कार्यों में जिला प्रशासन का अमला लगा हुआ है। प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों के रुकने तथा उनके भोजन की व्यवस्था त्वरित रूप से यहां पर की गई थी।
 
स्कूली शिक्षामंत्री पारस जैन ने स्वयं मोर्चा संंभाला था। यहां पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ठहरे हुए श्रद्धालुओं से चर्चा कर उनका हाल जाना। इस दौरान मुख्यमंत्री ने खुद ही चाय की केतली थामते हुए ठहरे हुए तीर्थयात्रियों को चाय पिलाई। (वार्ता)

वेबदुनिया पर पढ़ें