ग्रहण के बाद जिन जूतों चप्पलों की जरूरत ना हो उन्हें भी दान कर देना चाहिए।
ग्रहण काल में किए जप का फल अनंत गुना प्राप्त होता है। अतः अभीष्ट मन्त्रों का जप भी ग्रहण के दौरान करना चाहिए।
महर्षि वेदव्यासजी कहते हैं,रविवार को सूर्यग्रहण अथवा सोमवार को चन्द्रग्रहण हो तो ‘चूड़ामणि योग’ होता है जिसमें सूर्यग्रहण में जो पुण्य होता है ,उससे करोड़ गुना पुण्य कहा गया है। 21 जून को सूर्यग्रहण रविवार को है इसलिए चूड़ामणि योग बन रहा है।