Surya grahan kab lagega : दिवाली के समय सूर्य ग्रहण का यह योग वैसे तो 27 साल बाद पुन: बना है लेकिन ज्योतिषियों का मानना है कि इस समय के जो ग्रह योग हैं वह महाभारत काल में भी थे। एक पक्ष के भीतर दो ग्रहण का होना विश्व के लिए अशुभ माना जा रहा है। महाभारत काल में भी 15 दिन में दो ग्रहण लगे थे और उस समय महायुद्ध हुआ था। आओ जानते हैं विस्तार से।
सूर्य ग्रहण पर महाभारत काल जैसा संयोग | Surya grahan par mahabharat kaal jaisa sanyog hai
कुरुक्षेत्र की धरती पर द्वापर युग का महायुद्ध हुआ था, जिसे महाभारत कहते हैं। महाभारत काल में जब जब ग्रहण पड़ा तब तब बड़ी घटनाएं हुई थी। आज यानी 25 अक्टूबर 2022 को सूर्य ग्रहण है। इसके बाद 8 नवंबर 2022 को चंद्र ग्रहण लगेगा। महाभारत काल में भी यही हुआ था। कहते हैं कि जिस वक्त कौरव और पांडवों के बीच जुआ खेला जा रहा था उस वक्त चंद्रग्रहण लगा था। कुरुक्षेत्र में युद्ध में जिस दिन अर्जुन ने अपने पुत्र अभिमन्यु का बदला लेने के लिए जयद्रथ का वध किया था उस दिन भी सूर्य ग्रहण लगा था। ग्रहण की वजह से ही अर्जुन को जयद्रथ का वध करने में सफलता मिली थी। दरअसल, अर्जुन ने शपथ ले रखी थी कि यदि में सूर्यास्त के पहले जयद्रथ का वध नहीं कर पाया तो अग्निदाह कर लूंगा। यह सुनकर कौरवों ने जयद्रथ को छिपा दिया था।
ज्योतिष मान्यता के अनुसार जिस दिन श्रीकृष्ण की द्वारिका नगरी पानी में डूब गई थी उस दिन भी सूर्य ग्रहण था। जब श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वृजनाभ ने यह नगरी फिर से बसाई उस दिन भी सूर्य ग्रहण था। ज्योतिष मान्यता के अनुसार महाभारत काल में मात्र 15 दिनों के भीतर ही दो ग्रहण लगा और तब परिणाम स्वरूप महाभारत का युद्ध हुआ था।
भगवान श्रीकृष्ण को पता था कि आज सूर्य ग्रहण लगने वाला है। ग्रहण लगते ही यह मान लिया गया कि सूर्यास्त हो गया है और तब यह सुनकर छिपा हुआ जयद्रथ बाहर निकाल आया और हंसने लगा और कहने लगा कि सूर्यास्त हो गया और अब तुम शपथ के अनुसार अग्निसमाधि लो। इसी बीच श्रीकृष्ण ने अपनी लीला से सूर्य को लगा ग्रहण हटाकर कर शंख बजाकर कहा कि अभी सूर्यास्त नहीं हुआ है। यह सुनकर अर्जुन ने तुरंत ही अपना धनुष बाण उठाया और जयद्रथ का वध कर दिया।
25 अक्टूबर 2022 सूर्य ग्रहण : यह सूर्य ग्रहण आइसलैंड में 2.29 बजे प्रारंभ होगा और शाम 6.32 बजे अरब सागर पर समाप्त होगा। भारत में यह 25 अक्टूबर को मंगलवार के दिन शाम 4 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ होगा और इसका परम ग्रास करीब 5 बजकर 32 मिनट पर रहेगा। इसके बाद सूर्यास्त के साथ ग्रहण समाप्त होगा। ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 31 मिनट्स और 20 सेकंड तक रहेगी। यह ग्रहण जम्मू, श्रीनगर, उत्तराखंड, लद्दाख, पंजाब, नई दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और पश्चिमी मध्यप्रदेश में यह दिखाई देगा। इसी के साथ ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, बंगाल और बिहार में कुछ ही समय के लिए दिखाई देगा।