2. कहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण: यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, आर्कटिक, मेक्सिको, पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में, आयरलैंड, अरूबा, बर्मुडा, कैरिबियन नीदरलैंड, कोलंबिया, कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिकन, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, जमाइका, नॉर्वे, पनामा, निकारगुआ, रूस, पोर्टो रिको, सैंट मार्टिन, स्पेन, द बहामास, यूनाइटेड किंगडम और वेनेजुएला नजर आएगा। यह ग्रहण खासकर अमेरिका में ज्यादा दृश्यमान होगा।
3. कहां नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण : यह ग्रहण भारत, श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, फिजी, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य एशियाई देशों में दिखाई नहीं देगा। साथ ही यह ग्रहण दक्षिण अटलांटिक महासागर, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अधिकांश यूरोप महाद्वीप के देशों में भी यह नजर नहीं आएगा।
5. सूर्य ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग : कई वेबसाइटें और संस्थाएं सूर्य ग्रहण से जुड़ी लाइव स्ट्रीमिंग करेंगे। स्काईवॉकिंग वेबसाइट, टाइम एंड डेट डॉट कॉम और स्पेस डॉट कॉम इस ग्रहण का लाइव प्रसारण करेगी। इसमें रियल टाइम रिपोर्ट और बैकग्राउंड जानकारी होगी। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा भी इस घटना का अपने यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण करेगा। 8 अप्रैल की रात्रि 09:12 के बाद से भारत में इसे लाइव देखा जा सकता है।
7. आसमान में छा जाएगा अंधेरा : सूर्य ग्रहण के दौरान आसमान में अंधेरा छा जाएगा। यानी दिन में ही आपको रात का अहसास होगा। यह ग्रहण प्रशांत महासागर के ऊपर से प्रारंभ होगा और मैक्सिको में पहली बार टकराएगा। उसके बाद उत्तर अमेरिका, संयुक्त अमेरिका के बहुत बड़े भू भाग को अंधेरे में डूबोते हुए यह कनाडा तक फैल जाएगा। अंत में यह कनाडा में नजर आकर समाप्त हो जाएगा। इस दौरान उक्त क्षेत्र में आसमान अंधेरा छा जाएगा।
8. सबसे लंबी छाया धरती पर रहेगी : सूर्य ग्रहण का पॉथ ऑफ टोटलिटी यानी जिस रास्ते से छाया होकर गुजरेगी वो मेक्सिको से कनाडा तक 200 किलोमीटर चौड़ा होगा। यानी सूर्य के सामने चांद के जाने से भूमि पर चांद की जो छाया बनेगी, वो करीब 124 मील चौड़ी बताई जा रही है। सबसे लंबी अवधि का सूर्य ग्रहण का परिणाम यह होगा कि ये ज्यादा देर तक सूर्य को ढक कर रखेगा। उसके बाद रिंग ऑफ फायर को देख सकते हैं।